New Prime minister of Britain| पूर्व प्रधानमंत्री बोली जॉनसन का स्थान लेने वाले ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी के नए नेता एवं देश के नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा 5 सितंबर को की जाएगी। बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री की घोषणा 5 सितंबर को होगी तब तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में बोरिस जॉनसन है कार्यभार संभाल रहे हैं।
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पद की दौड़ में 9 लोग हैं शामिल किन का पल्ला है भारी
12 जुलाई को बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में और कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कुल 9 लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की है ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी का नया नेता और देश का अगला प्रधानमंत्री चुनने के लिए ब्रिटेन में औपचारिक रूप से काम करना शुरू कर दिया है भारतीय मूल्य के ऋषि सुनक के नेतृत्व संभालने की दौड़ में शनिवार को सबसे आगे नजर आए हालांकि इस दौड़ में अन्य नेता भी शामिल हैं , जैसे कंजरवेटिव पार्टी के ही नेता साजिद जावेद जेरेमी हंट नाजिम जहावी ग्रांट शॉप्स सोयला ब्रेवरमैन इत्यादि और लोगों ने भी अपनी दावेदारी पेश की है। इन सभी दावेदारों में ऋषि सुनक सबसे आगे चल रहे हैं और उनकी दावेदारी सबसे मजबूत दावेदारी दिखाई पड़ती है।
ऋषि सुनक
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार ऋषि सुनक जो 42 साल के हैं और यह इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दमाद है कंजरवेटिव पार्टी के एक बड़े समूह का मानना है कि बीते दिनों वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले सुन 1 / सत्तारूढ़ दल को एकजुट करने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं। प्रेसीडेंशियल डिबेट के दूसरे चरण में भी एक सौ से अधिक वोटों से आगे रहे हैं सभी उम्मीदवारों से इसलिए इनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
साजिद जावेद
साजिद जावेद पाकिस्तान मूल के व्यक्ति हैं जो महामारी के द्वारा पहले चांसलर के पद से उनका इस्तीफा हुआ और ऋषि सुनक के साथ ही उन्होंने देश के स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है कंजरवेटिव पार्टी के कई उम्मीदवारों को ऐसा लगता है की शादी जावेद एक सक्षम सांसद हैं कामकाजी वर्ग की पृष्ठभूमि रखते है।
जेरेमी हंट
ब्रिटिश सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जर्मी हंट 2019 में प्रधानमंत्री पद के रन रह चुके हैं वह भी प्रधानमंत्री पद के वेश में शामिल हैं हालांकि कंजरवेटिव पार्टी के नेताओं के चुनाव में आगे नहीं रहे थे और उनकी उम्मीद भी प्रधानमंत्री बनने की बहुत कम है।