Introduction-Jharkhand art and craft
Jharkhand art and craft|झारखंड के आदिवासी जनजाति के लोगों द्वारा बनाए जाने वाले हस्तशिल्प कला के भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के लोग भी दीवाने हैं। यहां की हस्तशिल्प कला बहुत ही आकर्षक और बहुत ही सुंदर होती है, और बहुत ही स्थानीय चीजों से बनाई हुई यह हस्तशिल्प कला कृति आप का मन मोह लेती है। इन हस्तशिल्प कलाओं से आपको प्रकृति को बचाने का भी एक प्रेरणा मिलेगी क्योंकि यह सारे हस्तशिल्प कलाएं प्रकृति से जुड़ी हुई है। हस्तशिल्प कला में आपको हम सबसे पहले डोगरा शिल्प कला के बारे में बताएंगे I
डोकरा हस्तशिल्प कला (Dokra Art)
डोकरा कला दस्तकारी एक प्राचीन कला है I बस्तर जिले के कोंडा गांव के कारीगर डोगरा मूर्तियां बनाते हैं, इस मूर्ति को बनाने के लिए मोम कास्टिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है I इस कला में तांबा, जस्ता, रंगा, आदि धातुओं के मिश्रण की ढलाई करके मूर्तियां, बर्तन तथा अन्य सामान बनाए जाते हैं | इस प्रक्रिया में मधुमक्खी के मोम का इस्तेमाल होता है इसलिए इसे मोम क्षय विधि भी कहते हैं।
इस कला का उपयोग करके बनाई गई मूर्ति का सबसे पुराना नमूना मोहनजोदड़ो की खुदाई से प्राप्त नृत्य करती हुई एक लड़की की प्रसिद्ध मूर्ति है।
डोकरा कला से बनाए गए सजावट के सामान लोगों को आकर्षित करते हैंI इस कला के माध्यम से अलग-अलग कलाकार अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं बनाते हैं। फिलहाल इस हस्तशिल्प कला के माध्यम से हाथी, घोड़ा ,ऊंट और हिरण आदि का चित्रण किया जाता है।
कला और शिल्प जगह पर प्रसिद्ध (art and craft famous at place): दुमका जिला के सीकरपारा गाव में , और रांची जिला के खूंटी: बजर तलेई, गाव
छाउमुखौटा(Chau Mask)
छाउ मुखौटा बनाने कि कला झारखंड में सदियों पुरानी है । यह मुखौटा यहां के बहुत प्रसिद्ध नृत्य छाऊ नृत्य में नर्तक द्वारा पहना जाता है । इस मुखौटे के द्वारा नर्तक अपने पाठ कर रहे किरदार के व्यक्तित्व के बारे में दिखाता है। यह मुखौटा बनाने का काम झारखंड में मात्र सरायकेला खरसावां तथा सिंहभूम जिलों में ही होता है यह मुखौटे रंग-बिरंगे और आकर्षक एवं जीवंत प्रतीत होते हैं । इन मुखोटो को मिट्टी के द्वारा बनाया जाता है। जिसे यहां के स्थानीय लोग चीटामाटी कहते हैं। इसमें मिट्टी के साथ-साथ कागज के टुकड़ों इत्यादि का भी प्रयोग करते हैं। इसे रंगने के लिए प्राकृतिक रंगो का प्रयोग करते हैं।
कला और शिल्प जगह पर प्रसिद्ध (art and craft famous at place): दुमका जिला का चरिदा गाव
बांस शिल्प कला(Bamboo Work)
यह शिल्प कला झारखंड में बहुत प्रसिद्ध है | यहां के लोग किसी ना किसी तरह से बास से बनी चीजों का इस्तेमाल करते हैं, हम अक्सर देखेंगे कि कहीं ना कहीं हर घर में बांस से बनी चीजों का इस्तेमाल होता है I यह झारखंड के एक प्रमुख हस्तशिल्प कलाओ में से एक है| इसमें हम बांस की तीलियों का इस्तेमाल करके, टोकरी इत्यादि बनाते हैं साथ ही साथ बांस का उपयोग करके आरामदायक कुर्सी , टेबल और भी फर्नीचर बनाते हैं जो बहुत ही आकर्षक होती है, इसके साथ साथ कुछ कलाकृतियां भी बांस के द्वारा बनाई जाती है जिसे देख के आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।
यह शिल्प कला मुख्यत झारखंड के यल, हो, गोंड,और पहाड़िया जनजाति द्वारा बनाया जाता है।
कला और शिल्प जगह पर प्रसिद्ध (art and craft famous at place): दुमका जिला का चरिदा गाव रांची, सोसो, चेलागी, खूंटी, बमहानी
लकड़ी से बनी हस्तशिल्प कला (Wooden Art)
झारखंड में लकड़ी से बनाई जाने वाली बहुत ही आकर्षक और सुंदर हस्तशिल्प कला है जो प्राचीन काल से झारखंड में किया जाता है। इसमें लकड़ी का इस्तेमाल करके बहुत ही आकर्षक फूलदान, सजावट का सामान, मूर्तियां, रसोई घर में विभिन्न प्रकार के उपकरण , खिलौने इत्यादि बनाए जाते हैं।
ये सारी हस्तशिल्कारी हमारे देश ही नहीं विदेशो में भी झारखण्ड को एक अलग पहचान दिलाते है I और हम सभी को प्रकृति के महत्व को समझाते है I इन सभी शिल्प्करियो में प्रयुक्त होने वाली वास्तु हमें प्रकृति से ही मिलती हैI ये सारी शिल्पकारी हमारे घर को सजाने सवारने के साथ साथ हमारे रोज मर्रा की जरुरतो में भी हमारी सहायता करती है I
कासी घास क्राफ्ट(Kasi grass craft)
यह एक ऐसी चित्र कला है जो कि एक बहुत ही खास तरह के घास से बनाई जाती है. यह बहुत ही पुरानी शिल्प कला है. इसमें कासी घास को सुखाया जाता है और उसके फुल को काट दिया जाता है और जो फाइबर उत्पन्न होता है उसको बुन कर खिलौने, गुड़िया ,डोलची, बास्केट बनाया जाता है और फिर उसे पेंट किया जाता है. कासी से बनाए हुए बॉक्स को पाव्त्ति कहा जाता है जिसे माता पिता अपनी बेटी को उसकी शादी में तोहफे के तौर पर देते हैं, इसका इस्तेमाल सिंदूर और गहनों को रखने के लिए किया जाता है.
यह शिल्प कला देवघर जिला के जसीडीह शिकारीपाड़ा ,नोनीहाट और जादू पटिया जैसे गांव में पाई जाती है.
जादूपतुआ पेंटिंग(Jadupatua painting)
जादूपतुआ पेंटिंग एक वर्टिकल स्क्रोल पेंटिंग है जो कि पहले कपड़े पर की जाती थी और बाद में पेपर पर किये जाने लगी. यह पेंटिंग मुर्शिदाबाद, बीरभूमि, बांकुड़ा ,हुगली बर्मिधमान,दनापुर, बिहार, झारखंड जैसे जगहों पर बहुत प्रसिद्ध है. इसमें स्क्रॉल इस्तेमाल होता है और दोनों के दोनों सिरों पर एक बंबू की लकड़ी बांधी जाती थी जिससे वह एक रोलर की तरह काम करता था और रोल करके उसको बंद कर सकते थे.
यह जादूपतुआ पेंटिंग जादूपतुआ जाति के लोगों ने संथल लोगों के लिए बनाई थी. इसमें जो ब्रश का इस्तेमाल होता है वह उसमें बकरी के बालों का इस्तेमाल किया जाता है जिसको एक लकड़ी पर बांध दिया जाता है और फिर प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है जिनको सब्जियों और धरती और अन्य प्राकृतिक चीजों से प्राप्त किया जाता है
यह शिल्प कला दुमका जिला के जादूपतुआ गांव में पाई जाती है.
खोवर और सोहराई पेंटिंग (Khovar and sohrai painting)
सोहराई पेंटिंग आमतौर पर औरतों द्वारा की जाती है, जो कि किसान समुदाय से होती हैं. यह गांव में की जाती है और यह पेंटिंग हार्वेस्ट फेस्टिवल को दर्शाती है. यह पेंटिंग गुड लक लेकर आती है ऐसा माना जाता है .यह पेंटिंग लाल, काले ,सफेद और पीले रंग से पेंट की जाती है. धरती और इस तरह के बड़े बड़े आकार के चित्र चित्रों को दीवार पर पेंट किया जाता है. इन पिक्चरों में जानवरों जैसे कि लाल घोड़ा और बाकी जंगली जानवरों का चित्किरण किया जाता है.
यह शिल्प कला हजारीबाग जिला में पाई जाती है.
संगीत वाद्ययंत्र(Musical Instruments)
रांची जिला में कई गांवों में संगीत के इंस्ट्रूमेंट को बनाने का कार्य किया जाता है और यह पूरी दुनिया में बहुत प्रसिद्ध है.
यह शिल्प कला रांची जिला में पाई जाती है.
ट्राइबली ज्वेलरी (Tribali Jewelry)
ट्राइबली ज्वेलरी रांची के चेलागी गांव में किया जाता है. इसमें पत्थरों और अन्य प्राकृतिक चीजों की मदद से अलग-अलग तरह के ज्वेलरी बनाई जाती है और यह पूरी दुनिया में बहुत मशहूर है.
यह शिल्प कला रांची जिला के चेलागी गांव में पाई जाती है.
जूट (Jute work)
झारखंड झूठ के कामों के लिए भी बहुत मशहूर है. छोटी-छोटी जगहों पर इसके बहुत सारे काम किए जाते हैं जो कि विश्व प्रसिद्ध है
काले और लाल मिट्टी के बर्तन और मिट्टी(Black & red pottery & Clay)
झारखंड में मिट्टी के बर्तन बनाने का भी प्रचलन है. यह लगभग हर तटीय क्षेत्र गांव में बहुत ही प्रचलित है. क्ले की मदद से इसको बनाया जाता है. क्ले समुद्र और नदी के किनारे की चिकनी मिट्टी से बनाया जाता है और इससे अलग अलग तरह की आकृतियां बनाई जाती है
Which art is famous in Jharkhand?
Sohrai Art
What is Jharkhand famous for?
Minerals like Coal and other minerals
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